अगर भगवान् हमारा भाग्य लिखते तो वो सबसे बढ़िया भाग्य होता। हमारा भाग्य हमारे कर्म, हमारी मुक्त इच्छा द्वारा निर्मित होता है। भगवान् की इच्छा से नहीं। BK SHIVANI
किसी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर देना इतना मुश्किल नहीं है… लेकिन उस इंसान को खोज पाना मुश्किल है जो आपकी कुर्बानी का सम्मान करे। BK SHIVANI
आपके अलावा आपकी ख़ुशी का कोई इंचार्ज नहीं है। BK SHIVANI
कभी भी घमंड या अहंकार में अपना सर ऊँचा ना उठाएं। याद रखिये स्वर्ण पदक विजेता भी तभी पदक पाता है जब वो अपना सर झुकाता है। BK SHIVANI
अगर आप किसी की खुशियाँ लिखने वाली पेन्सिल नहीं हो सकते हैं तो एक अच्छा सा इरेजर बनिए जो उनका दुःख मिटा सके… BK SHIVANI